जिस्म से रूह तक
एपिसोड 1: पहली नज़र का जादू
कभी-कभी नज़रों का मिलना एक कहानी की शुरुआत होता है, जो दिल की गहराइयों तक उतर जाती है।
रिद्धिमा, एक सरल, आत्मनिर्भर लड़की, जो अपनी ज़िंदगी को व्यवस्थित तरीके से जीती थी। उसकी दिनचर्या ऑफिस, घर और कुछ किताबों तक सीमित थी। पर जब दीपक उसकी ज़िंदगी में आया, तो हर चीज़ बदल गई।
दीपक, नया Team Lead, जिसकी एक झलक से ही दिल की धड़कनें तेज हो जाती थीं। उसकी गहरी आँखों में एक रहस्य था, और उसकी मुस्कान में छुपा था कुछ ऐसा जो रिद्धिमा को खींचता चला गया।
पहली मुलाकात
दिन था सोमवार की सुबह। ऑफिस के कॉरिडोर में रिद्धिमा जब दस्तावेज लेकर जा रही थी, तभी दीपक का सामना हुआ। उसकी नज़रें सीधे उसकी आंखों से टकराईं। उस पल ऐसा लगा जैसे वक्त रुक गया हो।
“नमस्ते, मैं दीपक हूँ, नया Team Lead,” उसने हल्की सी मुस्कान के साथ कहा।
“रिद्धिमा,” उसने जवाब दिया। उसकी आवाज़ में गर्माहट थी, और लहजे में आत्मविश्वास।
कुछ सेकंड की चुप्पी के बाद दीपक ने पूछा, “आपकी रिपोर्ट कब तक तैयार होगी?” लेकिन रिद्धिमा की नजरें अब भी उसकी गहरी आंखों में डूबी थीं।
कहीं गहराती नज़रें
दिन बीतते गए, और ऑफिस की छोटी-छोटी मुलाकातों ने उनके बीच एक अनकही भाषा बना दी। वह लब्ज़ जो ज़ुबां पर न आ पाते थे, वो नज़रों में जमी हुई बातें बयाँ कर देते।
रिद्धिमा अक्सर अपने आप से पूछती, क्या ये सिर्फ आकर्षण है या कुछ गहरा?
“हर बार जब उसकी नजरें मुझ पर पड़तीं, मेरे दिल की धड़कनें मानो तेज़ हो जाती थीं।”
अचानक की बारिश
एक शाम ऑफिस छोड़ते वक्त अचानक तेज बारिश होने लगी। रिद्धिमा ने अपनी जैकेट निकाली, लेकिन भीगने से बच नहीं पाई।
दीपक ने उसका सहारा बनते हुए कहा, “चलिए, मैं आपको ड्रॉप करता हूँ।”
कार की खिड़की से बारिश की बूंदें धुंधली रोशनी में चमक रही थीं, और उस माहौल में दोनों के बीच की दूरी कम हो रही थी।
छूने का अहसास
कार के अंदर दोनों के हाथ हल्के से छुए, एक-दूसरे की गर्माहट महसूस हुई। रिद्धिमा ने महसूस किया कि ये स्पर्श सिर्फ़ त्वचा तक सीमित नहीं था, बल्कि दिल की तहों तक पहुँच गया था।
“क्या आप जानते हैं कि एक स्पर्श कितनी कहानियाँ बयां कर सकता है?” दीपक ने धीरे से पूछा।
रिद्धिमा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “अगर दिल की भाषा समझो तो...”
रात की बेचैनी
घर लौट कर भी रिद्धिमा की नींद नहीं खुली। दीपक की नज़रों की गर्माहट, उसकी मुस्कान, और हाथों की छुअन उसके ख्यालों में बार-बार आती रही।
उसने खुद को आईने में देखा, दिल की धड़कनों को महसूस किया और धीरे से बोली, “शायद ये प्यार की शुरुआत है।”
कदम बढ़ाने की तैयारी
अगले दिन ऑफिस में दीपक और रिद्धिमा की बातचीत पहले से ज्यादा खुली और आत्मीय हो गई थी। दोनों ने जानबूझकर एक-दूसरे की नज़रों में खो जाना शुरू कर दिया।
“क्या हम एक कॉफी ब्रेक के लिए चलें?” दीपक ने पूछते हुए कहा।
रिद्धिमा ने हल्की मुस्कान के साथ हां कर दी।
कॉफी और बातें
शांत कैफे की ठंडी हवा में, दोनों ने अपनी ज़िंदगियों की कहानियाँ साझा कीं — खुशियाँ, दर्द, और अनकहे अरमान।
“तुम्हारे साथ बातें करने में एक अलग सा सुकून मिलता है,” रिद्धिमा ने धीरे कहा।
“शायद इसलिए कि हम दोनों की आत्माएँ एक जैसी धड़कती हैं,” दीपक ने जवाब दिया।
अगले कदम की सोच
रात के अंधेरे में, दोनों के दिलों में एक नए रिश्ते की उम्मीद जगने लगी थी। उनकी नज़रों में जो चमक थी, वो अब किसी भी जुदाई को सहन नहीं कर सकती थी।
“प्यार की ये पहली चमक थी, जो दूर तलक जलती रहेगी।”
अगले एपिसोड की झलक
“जब दिल खोला जाए” – अगला एपिसोड लेकर आ रहे हैं जिसमें रिद्धिमा और दीपक के रिश्ते की नई परतें खुलेंगी।
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